दुनिया आजकल offbeat के नाम पर किसी भी कचरे के ढेर में घुस जाती है| ऐसा एक एक्सपीरियंस मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों का टूर कर के हमारा भी हो चूका है| Offbeat के नाम पर 1200 rs का जब चुना लगता है तब समझ में आता है की वंडरलस्ट के नाम पर चु** काटने वालो की कमी नहीं है| ट्रेवेलबग के नाम पर बैंक ऑफ़ इंडिया चांदनी चौक के गेट को भी लोग 1000 साल पुराना बता सकते है और लोग उसको मान भी लेंगे|
ऐसा ही कुछ हुआ मेरे साथ चेन्नई में| किसी ब्लॉग में मैंने एक बार एक चर्च के बारे में पढ़ा था जो की चेन्नई से कुछ 15 किलोमीटर दूर था| जिस फोटोग्राफर ने भी उसकी फोटोज ली थी उसने गजब का काम किया था| एक छोटे से टूटे हुए चर्च के पीछे सूर्यास्त का नज़ारा मनमोह लेने वाला था| उस फोटो को देखने के बाद जब भी चेन्नई की बात चली मुझे यही तस्वीर दिखी और एक दिन मै चेन्नई बस स्टैंड पहुंच गया|
Long story short, मुझे ना वो चर्च मिला ना तो ये समझ में आया की ये लोग बताना क्या चाह रहे हैं| भाषा का ज्ञान ना होना एक बड़ी मुसीबत है| कंडक्टर कुछ बोलता, मै कुछ और समझता| उसकी टूटी फूटी हिंदी मेरे पल्ले पड़ने से रही, बेचारे ने अंत में मुझे महाबलीपुरम के पास उतार दिया|
अब महाबलीपुरम तो हम पहले आ चुके थे| सच बताऊ तो पांडिचेरी से ज्यादा प्यारा मुझे महाबलीपुरम लगता था| छोटी छोटी गलियां, खाली सा बीच और पुराने मंदिर, बस और क्या चाहिए| इस बार एक चर्च की तलाश में दिमाग भन्ना गया था, उसपर ऑटो वाले ने होटल तक पहुंचाने के लिए 200 की मांग कर डाली| मन ही मन गलियाते हुए हम वहां से आगे बढ़ गए| एक दूसरा ऑटोवाला मिला उसने कहाँ की वो मुझे 50 रु में फिशरमैन कॉलोनी के पास उतार देगा जहाँ से मेरा होटल नज़दीक ही होगा| हम तो फिशरमैन कॉलोनी के नाम से ही काफी intrigued हो गए| ऑटोवाले से हमने पूछना शुरू किया तो पता चला की जैसे मनाली, गोवा, गोकर्णा, पांडिचेरी, जैसी जगह में हिप्पियों ने अपना इलाका बसा रखा है बस वैसी ही कोई जगह है फिशरमैन कॉलोनी| नाम से स्पष्ट था की यहाँ मछुआरे रहते है| पल भर में निर्णय ले लिया गया की इस बार तो हमको यही रुकना है|
ऑटोवाले ने कुछ गेस्टहॉउस दिखाए जिनमे से एक पसंद आया| गेस्टहाउस भी क्या था, लोगो ने अपने बने बनाए घर में एक दो कमरे अटैच्ड बाथरूम के साथ बना रखे है| इसमें इसरायली, जर्मन, और दूसरी देशो की बैकपैकर जनता महीनो रहती है| रेंट भी इतना सस्ता की एक रात के लिए 200 में अच्छा खासा कमरा मिल जाए|
मछुआरों का गांव है तो ज़हीर सी बात है की समंदर होगा की| गांव के पीछे ही इनका मछली पकड़ने का स्टेशन है जहाँ से महाबलीपुरम के मंदिर साफ़ दिखाई देते हैं| कई लोकल लोगो ने गोवा की तर्ज़ पर शैक भी बनाने शुरू कर दिए है जहाँ ठहरने, खाने और पीने का पूरा इंतज़ाम है|
इस गांव में कुछ तो बात थी की चर्च ना ढूंढ पाने की सारी कुढ़न अपने आप चली गई| शाम हो रही थी, मेरे कमरे से सूर्यास्त दिख रहा था| नीचे मेरे गेस्ट हाउस का मालिक और उसके साथी अपनी मछली पकड़ने के जाल की मरम्मत करने में लगे हुए थे| कुछ बच्चे खेल रहे थे और अँगरेज़ अपने सितार, गिटार ले कर रियाज़ फर्मा रहे थे| मैनेजर ने मुझे देखा, हाथ दिया, अपनी टूटी भाषा में मुझसे पूछा अगर मै सुबह उनके साथ समंदर में मछली पकड़ने जाना पसंद करूँगा|मैंने मुस्कुरा कर मना कर दिया|
महाबलीपुरम की चाय की अपनी ही खासियत है| यहाँ लिकर टी ज्यादा प्रसिद्ध है| सुबह सुबह आस पास की दुकाने खुल जाती है और लोग चाय की लिकर बनाना शुरू कर देते हैं| इस घोल को जब वो दूध में मिला कर देते है तो कसम से मज़ा आ जाता है| चाय के साथ यहाँ वो हर कुछ मिलता है जो आप एक हिप्पी जगह पर मिलने की इच्छा रखते हैं| हाँ, भागसू केक भी|
महाबलीपुरम के मंदिर यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है| आप एक साइकिल ले कर दो तीन घंटे में मंदिर, कृष्णा बटरबाल, और गुफाए देख कर आ सकते है| शाम को आप अंग्रेज़ो के साथ इनके खेतो का चक्कर भी काट कर आ सकते हैं| ओफ्फबाट टूरिज्म के नाम पर चेन्नई की कुछ स्टार्टअप्स 2000 प्रति व्यक्ति में इन्ही खेतो का चक्कर कटवाती है| दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ, वंडरलस्ट के नाम पर चु** काटने वालो की कमी नहीं|
How to visit – If you are not interested in finding that Chruch, you can always take direct buses from Chennai bus stand. You can take a bus directly going to Mahabalipuram or you can take one for Pondicherry and get down at the entrance of the city. The later option will result in paying a huge amount to the autowalas and I’d recommend you to avoid.
Where to stay – Fisherman colony is filled with small guest houses and shacks. You can choose on as per your convenience.
Good one. First account of mahabs without the mention of all the architecture!
Thanks Lalitha mam, I always try to exolore unknown places in the proximity first.
Feeling good commenting on a Hindi post. I have thoroughly enjoyed. I have been to Mahabalipuran and relate to your post.
Thanks mam,
Mahabalipuram is surely a lovely place to be.
Even I have visited Mahabalipuram, but didn’t know about this place. Janti to jarur jati. Meri didi rehti hain Pondicherry mein, to har saal jana hota hain, next year I shall make sure to visit this fisherman village. Great Post
This is nesrby. You can ask the owner of german bakery for the address of this place.
Love it. I do not read that language but as a photographer the images make me want to go there. That is pretty powerful in itself
Thanks Sandy. I’ll publish an english version of the blog soon.
मुझे भी महाबलीपुरम, पोंडिचेरी से अधिक पसंद है – खासकर वहां के तटीय मंदिर.
Shukriya 😊